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नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली के नजफगढ़ इलाके में करीब 8 साल पहले 09 फरवरी 2012 को उत्तराखंड की दामिनी का अपहरण कर उसके साथ गैंगरेप के बाद हत्या के मामले में जेल में बंद तीनों अपराधियों को फांसी दिलाने की मांग को लेकर उत्तराखंडी समाज फिर से दिल्ली की सड़कों पर उतरने को मजबूर हुआ है। इससे पहले भी जब इस बेटी के साथ दरिंदगी हुई थी, उस समय भी आरोपियों के रसूकदार परिवार से सम्बंधित होने के चलते पुलिस द्वारा FIR लिखने में और आरोपियों को गिरफ्तार करने में की जा रही अनावश्यक देरी के बाद उत्तराखंड समाज एक जुट होकर सड़कों पर उतरा था। तब जाकर तीनो आरोपियों राहुल, रवि और विनोद को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।

जिसके बाद द्वारका कोर्ट ने दोषियों को फाँसी की सजा निर्धारित की और फिर हाईकोर्ट ने भी फांसी की सजा को बरकरार रखा। लेकिन बावजूद इसके आज 8 साल गुजर जाने के बाद भी उत्तराखंड की इस बेटी को न्याय नहीं मिला जबकि उसके साथ निर्भया से भी दर्दनाक हादसा हुआ था। इस बात पर समाज काफी व्यथित है।uttarakhand-ekta-manch

इसी को लेकर कल उत्तराखंड एकता मंच की एक बैठक हुई जिसमें निर्णय लिया गया कि किरण नेगी को जल्द न्याय दिलाने के लिए उत्तराखंड समाज के लोग उत्तराखंड एकता मंच की अगुआई में 11 दिसंबर को शाम 4 बजे सुप्रीम कोर्ट से इंडिया गेट तक कैंडल मार्च निकाल कर माननीय जजों से शीघ्र न्याय देने की गुहार की करेंगे।

बता दें कि दिल्ली के नजफगड़ में रहने वाली उत्तराखंड की बेटी किरन नेगी 9 फरवरी 2012 को गुडगाँव स्थित कम्पनी से काम करके अपनी तीन सहेलियों के साथ रात करीब 8:30 बजे नजफगढ़ स्थित छाँवला कला कालोनी पहुंची थी कि तभी कार में सवार तीन वहसी दरिंदों ने तीनो लड़कियों से बदतमीजी करनी शुरू कर दी। जैसे ही तीनों लड़कियां वहां से भागने लगी उसी दौरान तीनो दरिन्दे किरन को जबरन कार में बिठाकर वहां से ले गए। और उसका सामूहिक बलात्कार करने के बाद उसके आँख, कान में तेज़ाब डालकर हैवानियत की सारी हदें पार कर उसकी लाश को हरियाणा के खेतों में फेंक कर चले गए। उसकी सहेलियों ने किरन के अपहरण की खबर पुलिस व उसके घरवालों को दी। परन्तु पुलिस ने इस पर कोई कार्यवाही नहीं की। जिसके बाद उत्तराखंड समाज के लोगों ने सड़कों पर निकलकर इस घटना का जबरदस्त विरोध किया जिसके बाद पुलिस हरकत में आई और 14 फरवरी को किरन की लाश सदी गली हालत में पुलिस को हरियाणा के खेतों से मिली। और पुलिस ने अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा। जिसके बाद द्वारका कोर्ट ने दोषियों को फाँसी की सजा निर्धारित की और फिर हाईकोर्ट ने भी फांसी की सजा को बरकरार रखा। अब 8 साल बाद 12 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट इन आरोपियों की सजा पर अंतिम सुनवाई देने जा रहा है। इसी को लेकर उत्तराखंड एकता मंच के नेतृत्व में उत्तराखंड समाज के लोग 11 दिसंबर को शाम 4 बजे सुप्रीम कोर्ट से इंडिया गेट तक कैंडल मार्च निकाल कर माननीय जजों से शीघ्र न्याय देने की गुहार की करेंगे।