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उत्तरकाशी: उत्तराखण्ड पुलिस के जवान अजय दत्त ने अपनी जान पर खेलकर सात लोगों की जान बचाई। दरसल उत्तरकाशी जिले के स्यानाचट्टी में कांस्टेबल अजय दत्त ड्यूटी पर तैनात थे। जहाँ एनएच 94 में रुक रुक कर हो रहे भूस्खलन हो रहा था। अचानक ऊपर पहाड़ दरकने से पत्थरों के गिरने का सिलसिला तेज़ हो गया, इसी बीच उनकी नजर यमुनोत्री की तरफ से आ रही तीर्थ यात्रियों की गाड़ियों पर पड़ी जो भूस्खलन जोन में बुरी तरह फंस गए थे। और

उसमें बैठे तीर्थयात्रियों को समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें। ऐसे में उत्तराखण्ड के जांबाज पुलिस कांस्टेबल अजय दत्त ने अपनी जान की फ़िक्र किये बिना पत्थरों की बारिश के बीच जाकर इन यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला. हालांकि इस कोशिश में अजय दत्त खुद घायल हो गए।

पहोड़ों में हो रही लगातार बारिश से यमुनोत्री मार्ग पर डबरकोट का 400 मीटर सड़क मार्ग अब बेहद ख़तरनाक हो गया है। पिछले एक सप्ताह से मार्ग खुलने और बन्द होने का सिलसिला लगातार जारी है। पुलिस और एसडीआरएफ़ की टीम लगातार यात्रियों की सुरक्षा को लेकर घटनाल पर तैनात है।

आज जब यमुनोत्री की तरफ से हरियाणा नंबर की एक गाड़ी और दिल्ली नम्बर की एक गाड़ी सड़क खुलने के बाद डबरकोट के भूस्खलन ज़ोन से गुज़र रही थीं कि अचानक ऊपर पहाड़ दरकने से पत्थर गिरने शुरू हो गए. जिसकी वजह से सामने से आ रही गाड़ियां वहीं अटक गईं। उसमें बैठे तीर्थयात्रियों को बिलकुल समझ नहीं आ रहा था कि वे क्या करें।

मौके की संवेदनशीलता को समझते हुए उत्तराखण्ड पुलिस के जवान अजय दत्त ने अपनी जान की परवाह किए बगैर ही यात्रियों को बचाने के लिए गाड़ी के पास पहुंच गया। और यात्रियों को प्रोत्साहित करते हुए उसने हरियाणा की गाड़ी को वहां से निकलवा दिया लेकिन दिल्ली वाली गाड़ी दलदल में फंस गई। इसके बाद अजय ने गाड़ी में बैठे तीन लोगों को बाहर निकलवाया और उन्हें निर्देश देते हुए आगे भेज दिया लेकिन फिर पत्थर गिरने का सिलसिला तेज़ हो गया। यह देख 34 वर्षीय अजय दत्त एक बड़ी चट्टान की ओट में बैठ गए। उनके ऊपर पत्थर गिरने से उन्हें कई जगह चोट भी लगी है।

पुलिस कांस्टेबल अजय दत्त ने खुद इस घटना के बारे में बताया कि जब ऊपर से पत्थर गिर रहे थे, तब एक बार तो उन्हें लगा कि आज उनका आखिरी दिन है। और जब उन्हें कुछ नहीं सूझा तो वो सड़क से नीचे कूद गए और मलबे की मिट्टी के साथ चिपक गए और पत्थर रुकने का इंतजार करने लगे। जिसके बाद वो वहां से सुरक्षित बाहर निकल गए। हालांकि, इस दौरान उसके हाथ और पांव में चोटें भी आई हैं। इतना सब हो जाने के बाद कांस्टेबल अजय कहते हैं कि उन्हें सुकून है कि वो तीनों यात्रियों को बचा पाये हैं।