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राजकीय हाई स्कूल देवधार, थलीसैंण में प्रधानाध्यापक के रूप में कार्यरत ओमप्रकाश वशिष्ठ का मंगलवार रात आकस्मिक निधन हो गया। ओमप्रकाश वशिष्ठ ने अंग्रेजी विषय के प्रवक्ता के रूप में विभिन्न विद्यालयों में कार्य किया था। वे राजीव गांधी नवोदय विद्यालय संतूधार, पौड़ी में प्रधानाचार्य के रूप में भी चयनित हुए थे। उन्होंने डायट पौड़ी में शिक्षक प्रशिक्षक के रूप में भी अपना योगदान दिया था। यहाँ से पदोन्नत होकर उन्होंने राजकीय हाई स्कूल देवधार थलीसेंण में प्रधानाध्यापक के रूप में कार्यभार ग्रहण किया था। ओम प्रकाश वशिष्ठ अंग्रेजी विषय के शिक्षक थे किन्तु हिन्दी और संस्कृत पर भी उनका समान अधिकार था। वे संस्कृत के प्रति विशेष अनुरागी थे। उनका मानना था कि संस्कृत जैसी वैज्ञानिक भाषा कोई और नहीं है। उनकी साहित्य, पत्रकारिता, कला, अध्यात्म और दर्शन सभी क्षेत्रों पर पकड़ थी। वे विभागीय कानूनी केसों के जानकार भी थे। मंगलवार रात 12 बजे के लगभग उन्होंने फेसबुक पर पोस्ट डाली थी, जय महा काली, जय महाकाली, जय महाकाली। यह उनकी अंतिम पोस्ट थी। शायद उस अनंत अज्ञात यात्रा पर जाने से पहले वे महाकाली की शरणागत हो रहे थे। उनके निधन से समस्त शिक्षक समाज बहुत दुखी है। उनकी सेवानिवृत्ति में अभी 5-6 वर्ष बाकी थे। उन्हें शिक्षा जगत को अभी अपनी और सेवाएँ देनी थी किन्तु उनके जाने से समाज ने एक बौद्धिक व्यक्तित्व खो दिया है।

ओमप्रकाश वशिष्ठ के आकस्मिक निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए शिक्षक अखिलेश चमोला, कमलेश जोशी, महेन्द्र सिंह नेगी, शशि शेखर ममगांई, महेश गिरी, रमेश दत्त डोभाल, यशपाल रावत, भूपेंद्र रावत, शिव सिंह नेगी, यशवंत नेगी, विजय चौहान आदि शिक्षकों ने श्रधांजलि अर्पित की।