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देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में बुधवार को सचिवालय में कैबिनेट की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में 14 प्रस्ताव रखे गए, विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के बाद 12 प्रस्ताओं पर मुहर लगी। जबकि 2 प्रस्तावों पर सहमति न बनने के कारण उन्हें पुनर्विचार के लिए लौटाया गया है। कैबिनेट बैठक में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की बेटियों को भी अब आरक्षण के दायरे में लिया गया है।

कैबिनेट के महत्वपूर्ण फैसले 

  1. उच्च शिक्षा राजकीय महाविद्यालय गेस्ट टीचर फैकल्टी के मानदेय प्रावधान में वृद्धि की गई है। अब इसके अन्तर्गत गेस्ट टीचर फेकेल्टी को 35,000/- रूपये निर्धारित की गई है। इन्हें 40 पीरियड पढ़ाने होंगे। टाइम टेबल बनाने की जिम्मेदारी महाविद्यालय की होगी। इससे कुल 557 गेस्ट टीचरों को लाभ मिलेगा।
  2. राजकीय सेवायें/निगम/सार्वजनिक उद्यम/शिक्षण संस्थाओं में सीधी भर्ती हेतु आरक्षण व्यवस्था रोस्टर पुर्ननिर्धारण के लिए केबिनेट मंत्री यशपाल आर्या की अध्यक्षता में समिति बनाई गई। इसके अन्य सदस्य केबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल और केबिनेट मंत्री अरविन्द पाण्डेय भी रहेंगे।
  3. उत्तराखण्ड सार्वजनिक रूप से विकलांग, स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी के आश्रितों एवं भूतपूर्व सैनिकों के आरक्षण व्यवस्था में संशोधन करते हुये पुत्र/पुत्री को भी लाभ देने का निर्णय लिया गया है।
  4. मुख्यमंत्री दाल पोषित योजना के अन्तर्गत कुल 23 लाख 80 हजार राशन कार्ड धारकों को मसूर, चना, मलका दाल के अन्तर्गत कुल 2 किलो दाल के लिए 15 रूपये की सब्सिीडी दी जायेगी। दाल की कीमत भारत सरकार निर्धारित करेगी।
  5. सचिवालय स्तर पर चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग का एकीकरण किया गया है। मूल विभाग यथावत रहेंगे।
  6. उत्तराखण्ड मोटरयान कराधान सुधार अधिनियम-2003 एक्ट में संशोधन के अन्तर्गत अधिक सवारी पर प्रति सीट 25 रूपये और वातानुकुलित के लिए 40 रूपये जुर्माने के वृद्धि दर को वापस लिया गया। पूर्व व्यवस्था के अनुसार अधिक सवारी पाये जाने पर 5 गुना टैक्स जुर्माना लिया जायेगा। इसमें ड्राइवर कन्टेक्टर शामिल नहीं रहेगा।
  7. शासन स्तर पर योजानओं परियोजनाओं के गठित वित्त समिति मुख्य सचिव द्वारा नामित प्रमुख सचिव अध्यक्ष होंगे। अन्य विभागीय सचिव भी शामिल रहेंगे।
  8. सचिवालय स्तर पर सूचना प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान प्रौद्योगिकी दो अलग-अलग विभागों का एकीकरण किया गया है। मूल विभाग यथावत रहेंगे। अब यह सूचना विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग होगा।
  9. उत्तराखण्ड लोक सेवा अभिकरण शिकायतों का कार्य सूचना प्रौद्योगिकी विभाग को दिया गया है।
  10. 2009 में आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय अधिनियम के अन्तर्गत डा. मृत्युन्जय मिश्रा के संविलियन को समाप्त कर दिया गया है।
  11. उत्तराखण्ड लेखा परीक्षा अधीनस्थ सेवाएं किसी अन्य में संशोधन किया गया है।
  12. उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार बनाए गये मानक के अनुसार, मा. उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति को चिकित्सा प्रतिपूति देने का निर्णय लिया गया।