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देहरादून: पिथौरागढ़ स्थित नैनी सैनी में हवाई सेवाओं के सफल संचालन के लिए भी सीएनएस-एटीएम (कम्यूनिकेशन, नेवीगेशन, सर्विलांस एंड एयर ट्रैफिक मेनेजमेंट सर्विसेज) एमओयू पर भी हस्ताक्षर किए गए।  मुख्यमंत्री ने कहा कि पिथौरागढ़ राज्य का दूरस्थ क्षेत्र है। इसका सामरिक महत्व भी है। नैनी सैनी में हवाई सेवाओं के संचालन से पर्यटकों के साथ ही स्थानीय लोगों को भी बहुत सुविधा होगी। राज्य सरकार पिथौरागढ़ को डेस्टीनेशन के तौर पर विकसित कर रही है। वहां 50 हेक्टेयर में ट्यूलिप गार्डन बनाया जाएगा। जो कि देश का सबसे बड़ा ट्यूलिप गार्डन होगा।

नागरिक उड्डयन मंत्रालय भारत सरकार की संयुक्त सचिव श्रीमती उषा ने बताया कि यह एमओयू भारत सरकार के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है। वाटरड्रोम के लिए पहली बार किसी राज्य के साथ एमओयू किया गया है। उड़ान योजना के क्रियान्वयन में मुख्यमंत्री जी व उत्तराखण्ड सरकार ने काफी सक्रियता दिखाई है। प्रदेश में हवाई सेवाओं के विस्तार के लिए राज्य सरकार ने हमेशा सहयोग दिया है। उड़ान योजना में एयरपोर्ट डेवलपमेंट की लागत का सौ प्रतिशत केंद्र सरकार द्वारा वहन किया जाता है।

श्रीमती उषा ने कहा कि पिथौरागढ़ में हवाई सेवाओं के संचालन को बहुत गम्भीरता से लिया गया है। राज्य में 13 हेलीपोर्ट विकसित किए जाने हैं इनमें से 10 की डीपीआर दे दी गई है। जौलीग्रान्ट एयरपोर्ट को भी विकसित किया जा रहा है। इसके टर्मिनल की क्षमता को 150 से बढ़ाकर 1800 किया जाएगा। श्रीमती उषा ने बताया कि अगस्त माह में फिक्की के सहयोग से देहरादून में हेलीकाप्टर कान्क्लेव आयोजित किया जाएगा। उन्होंने पवन हंस की ओर से सीएसआर के अंतर्गत शिक्षा के क्षेत्र में 60 लाख रूपए की सहयोग राशि दिए जाने की बात भी कही।

इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष टिहरी श्रीमती सोना सजवाण, विधायक विनोद कण्डारी, धन सिंह नेगी, विजय सिंह पंवार, शक्ति लाल शाह, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के कार्यकारी निदेशक एस चड्ढा, अपर सचिव नागरिक उड्डयन उत्तराखण्ड सोनिका, डीएम टिहरी वी.षणमुगम, मुख्यमंत्री के नागरिक उड्डयन सलाहकार कैप्टन दीप श्रीवास्तव सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।