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अल्मोड़ा: उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में आदमखोर तेंदुओं का आतंक कम होने का नाम नहीं ले रहा है अभी पांच दिन पहले ही हल्द्वानी के डॉली रेंज के जंगल में घास लेने गई एक महिला को आदमखोर तेंदुए ने निवाला बना लिया था। और सोमवार को फिर से अल्मोड़ा जिले के चौखुटिया विकास खंड के चंथरिया वन क्षेत्र के अंतर्गत बमनगांव के पुरिया गज्जा तोक में आदमखोर तेंदुए ने एक महिला को अपना निवाला बना लिया। बताया जा रहा है कि तेंदुआ महिला के शरीर का 75 फीसदी हिस्से को खा गया है। इस घटना से स्थानीय गांव के लोगों में दहशत व्याप्त है।

प्राप्त सूचना के अनुसार अल्मोड़ा जिले के बमनगांव की हीरा देवी सोमवार सुबह करीब 9 बजे घास काटने जंगल गई थीं। देर शाम तक घर जब वह घर नहीं लौटी तो गाँव वालों ने उनकी खोजबीन शुरू की। लेकिन रात तक उसका कोई पता नहीं लग पाया। अगले दिन सुबह फिर से गाँव के कुछ लोग हिरा देवी की खोज में निकले। जहाँ उन्हें महिला का क्षत-विक्षत आंशिक शव घटनास्थल से करीब 50 मीटर नीचे गधेरे में दिखाई दिया। ग्रामीणों ने इसकी सूचना तुरंत वन विभाग के चंथरिया रेंज व प्रशासन को दी। सूचना मिलने पर एसडीएम, तहसीलदार, एसडीओ-वन, वन क्षेत्राधिकारी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और घटनास्थल का जायजा लिया। तेंदुए ने जिस स्थान पर हीरा देवी को झपटा वहां पर कटी घास व  चप्पल पड़े मिले। इसके अलावा पहाड़ी के नीचे घसीटने के निशान भी पाए गए तथा फिर कुछ दूर गधेरे में महिला का सिर व पैर समेत शरीर के अन्य क्षत-विक्षत भाग दो स्थानों पर पड़े मिले। शरीर के हिस्सों को ही पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।

मृतक महिला हीरा देवी राइंका पटलगांव में कार्यरत जसोद सिंह की पत्नी थी। वह गांव में अकेली रहती थी, जबकि उसके पति, एक बेटी व बेटा पटलगांव में किराये के मकान में, जबकि बड़ा लड़का मोहन सिंह अल्मोड़ा के विकास भवन में कार्यरत हैं, तथा बड़ी बेटी की शादी हो चुकी है। वन विभाग की ओर से मृतका के बड़े पुत्र मोहन सिंह को 25 हजार की तात्कालिक सहायता धनराशि सौंप दी गयी है, और औपचारिकताएं पूर्ण होने के बाद 3 लाख का चेक देने का आश्वासन दिया है।  ग्रामीणों ने आदमखोर तेंदुए को मारने की मांग की है। वन विभाग ने तेंदुए को पकडने के लिए पिंजरा लगा दिया है।

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