Nayi pahal nayi soch team rakhi rawat

नई दिल्ली : खुद की जान की बाजी लगाकर गुलदार के हमले से छोटे भाई की जान बचाने वाली उत्तराखंड की मात्र 11 साल की बहादुर बेटी राखी रावत को सामाजिक सरोकारों के लिए प्रतिबद्ध संस्था “नई पहल नई सोच” ने नयी दिल्ली में सम्मानित किया।

संस्था के संस्थापक और वरिष्ठ अधिवक्ता एवं समाज सेवी संजय दरमोड़ा ने राखी रावत एवं उनके पूरे परिवार को दिल्ली में सम्मानित किया। इस अवसर पर संजय दरमोड़ा ने कहा कि पहाड़ की इस बहादुर बेटी ने अपनी बहादुरी से न केवल अपने छोटे भाई की जान बचाई बल्कि विश्व पटल पर उत्तराखंड का नाम रोशन किया। इस बच्ची को गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में महामहिम राष्ट्रपति भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

sanjay-darmodaसंजय शर्मा दरमोडा ने कहा कि हमें अपने बहादुर बच्चों पर गर्व है। आज राखी रावत को सम्मानित करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। यह निश्चित तौर हमारे लिए यह गर्व की बात है। हम ने निर्णय लिया है कि इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का शुभारंभ इस वीर बालिका को सम्मानित कर किया जाएगा।

इस मौके पर मौजूद राखी के माता जी ने कहा कि राखी ने उन्हें एक नई पहचान दिलाई है। हमने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि हमारी बेटी को एक दिन इतना सम्मान मिलेगा। हम आदरणीय संजय दरमोड़ा एवं नई पहल नई सोच के सभी कार्यकर्ताओं का आभार प्रकट करते है कि आप सब ने हमें इतना सम्मान दिया। इस मौके पर सामाजिक कार्यकर्ता मीना कंडवाल, विजय लक्ष्मी शर्मा, राकेश रावत,  संजय नौढियाल, संजय चौहान, प्रभा बिष्ट,  मंजु भदौला, सोनु वर्मा गिरीश सहित कई गणमान्य लोग मौजूद थे।

आपको बता दें कि पौड़ी गढ़वाल के बीरोंखाल ब्लॉक के देव कुंडई गाँव की 11 वर्षीय बालिका राखी रावत पुत्री दलवीर सिंह रावत बीते 04 अक्टूबर 2019 को अपने चार साल के भाई राघव और मां के साथ खेत में गई थी। खेत से घर लौटते समय गुलदार ने राखी के भाई पर हमला किया, भाई को बचाने के लिए राखी उससे लिपट गई थी। आदमखोर गुलदार के लगातार हमले से लहूलुहान होने के बाद भी राखी ने भाई को नहीं छोड़ा। जिस पर राखी की मां के चिल्लाने की आवाज से गुलदार भाग गया था। राखी की इस बहादुरी के लिए राखी को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के तहत मार्कंडेय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। भारतीय बाल कल्याण परिषद (आईसीसीडब्ल्यू) की ओर से दिल्ली में आयोजित भव्य कार्यक्रम समारोह में राखी को यह पुरस्कार असम राइफल्स के ले. कर्नल रामेश्वर राय के करकमलों से दिया गया।