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ग्रेटर नोएडा:  पश्चिम बंगाल के कोलकाता स्थित नील रतन सरकार अस्पताल (NRS) में बीते सोमवार को जूनियर डॉक्टरों के साथ हुई मारपीट के विरोध में देशभर में हड़ताल और प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। जिसका असर बंगाल से लेकर दिल्ली तक देखने को मिल रहा है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) खुलकर पीड़ित डॉक्टरों के समर्थन आ गया है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने डॉक्टरों, हेल्थकेयर कर्मचारियों और अस्पतालों के खिलाफ होने वाली हिंसा से निपटने के लिए एक व्यापक केंद्रीय कानून बनाए जाने की मांग की है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के आह्वान पर आज देशभर में जगह जगह सरकारी एवं प्राइवेट अस्पतालों के डोक्टर इस घटना का विरोध करते हुए 24 घंटे की हड़ताल पर चले गए हैं।

राष्ट्रीय राजधानी में कई सरकारी और निजी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं सोमवार को बाधित हैं क्योंकि अनेक डॉक्टरों ने पश्चिम बंगाल में हड़ताल कर रहे डॉक्टरों के समर्थन में काम का बहिष्कार करने का फैसला किया है। अनुमान है राजधानी करीब 50 हजार से अधिक मरीजों को प्राथमिक सवाओं से वंचित रहना पड़ा, इस बीच अगले चौबीस घंटे के दौरान करीब 15 हजार से अधिक बड़े ऑपरेशन टाल दिए गए। यही नहीं अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के डॉक्टरों ने भी एक दिन के लिए काम के बहिष्कार निर्णय लिया है।

ग्रेटर नोएडा के प्राइवेट अस्पतालों के डॉक्टरों ने भी की ओपीड़ी बंद

इसीक्रम में ग्रेटर नोएडा के प्राइवेट अस्पतालों के डॉक्टरों ने भी इंडियन मेडिकल असोसिएशन (IMA) के आवहान पर आज पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों पर हुए हमले के विरोध में सेक्टर डेल्टा-1 स्थित ग्रीन सिटी अस्पताल में इक्टठा होकर विरोध जताया। ओपीडी सेवा पूरी तरह से बंद रखी गई। गम्भीर मरीजों को ही इलाज किया गया। क्षेत्र में हड़ताल का व्यापक असर दिखाई दिया।doctors-strike-greno

ग्रेटर नोएडा इकाई के पदाधिकारियों ने डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए सख्त कानून बनाने की मांग की है। मांग पूरी न होने तक आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दी है। आईएमए के आह्वान पर सोमवार को शहर के कैलाश अस्पताल, ग्रीन सिटी व यथार्थ अस्पताल समेत दादरी, जेवर, दनकौर, बिलासपुर व जारचा स्थित निजी अस्पतालों में ओपीडी सेवा सुबह छह बजे से बंद रही। शारदा व आईटीएस डेंटल कालेजों की ओपीडी भी बंद रही। डॉक्टरों के हड़ताल पर रहने से मरीजों को काफी परेशानी हुई। इलाज के लिए इधर उधर भटकते रहे। हालांकि गम्भीर मरीजों का इलाज किया गया। गम्भीर मरीजों को कोई दिक्कत नहीं हुई।doctors-strike-in-greater-noida

निजी अस्पताल में जहां पूरी तरह से ओपीडी बंद रही वहीं कासना स्थित राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान के डॉक्टरों ने सांकेतिक विरोध किया। प्रतिदिन की तरह सोमवार को भी मरीजों को चिकित्सकीय परामर्श दिया गया।

उत्तराखण्ड में भी हड़ताल का व्यापक असर, मरीजों की हुई फजीहत

वहीँ उत्तराखण्ड में भी इस घटना के विरोध तथा डॉक्टरों एवं अस्पतालों की सुरक्षा के लिए कानून बनाने की मांग को लेकर राजधानी के डॉक्टर आज से 24 घंटे की हड़ताल पर हैं। इस दौरान जनपद के कई  छोटे-बड़े नर्सिंग होम मंगलवार सुबह छह बजे तक बंद रहेंगे। आइएमए (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) के आह्वान पर की जाने वाली इस हड़ताल में सरकारी डॉक्टर भी सुबह आठ से 10 बजे तक दो घंटे कार्य बहिष्कार पर रहे।doctors-strike-in-uttarakhand

राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर के डॉक्टरों ने उक्त घटना के दोषियों को जल्द से जल्द सजा दिलाने की मांग को लेकर आज हड़ताल की।

डॉक्टरों द्वारा देशभर में किये जा रहे विरोध को देखते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अब बैकफुट पर आती हुयी दिखाई दे रही है। पश्चिम बंगाल में हिंसा के विरोध में हड़ताल पर गए चिकित्सकों की कई मांगों को राज्य सरकार ने मान लिया है। सोमवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता में राज्य सचिवालय से सटे एक सभागार में चिकित्सकों के प्रतिनिधियों के साथ हुई बातचीत के बाद कोलकाता के पुलिस कमिश्नर अनुज शर्मा को हर अस्पताल में एक नोडल पुलिस ऑफिसर की तैनाती के निर्देश दिए हैं। जिसके बाद माना जा रहा है कि राज्य में डॉक्टरों की हड़ताल ख़त्म हो सकती है। हालाँकि आईएमए देशव्यापी हड़ताल के बारे में कल फैसला लेगा।

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