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नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव 2019 के लिए सभी पार्टियाँ का प्रचार चरम पर है। ऐसे में कुछ नेता आदर्श आचार संहिता की सीमाएं लांघ कर कुछ ऐसा कह दे रहे हैं जो चुनाव आयोग को मंजूर नहीं है। अभी हाल ही में समाजवादी पार्टी के नेता और रामपुर से बीएसपी-एसपी गठबंधन के प्रत्याशी आजम खान ने बीजेपी प्रत्याशी जया प्रदा पर अश्लील टिप्पणी कर चुनाव प्रचार का स्तर गिरा दिया था। हालाँकि आजम के खिलाफ इस बयान को लेकर केस दर्ज किया गया है, साथ ही राष्ट्रीय महिला आयोग ने सख्ती दिखाते हुए कारण बताओ नोटिस भेजा है।

इसके अलावा उत्तर प्रदेश से अभी अभी खबर आ रही है. कि चुनाव आयोग ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और बसपा प्रमुख मायावती के भाषणों को आपत्तिजनक और आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन मानते हुए दोनों को क्रमशः 72 घंटे और 48 घंटे के लिए चुनाव प्रचार करने से रोक दिया है।

कल सुबह 6 बजे से शुरू होने वाले चुनाव प्रचार से यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ 72 घंटे यानि 3 दिन जबकि बसपा प्रमुख मायावती 48 घंटे यानि 2 दिन दूर रहेंगी।

क्या बयान थे दोनों नेताओं के?

बता दें कि बीजेपी के स्टार प्रचारक एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने एक संबोधन में मायावती पर हमला करते हुए कहा था कि अगर विपक्ष को अली पसंद है, तो हमें बजरंग बली पसंद हैं। जो अचार संहिता का उल्लंघन है।

जबकि बसपा सुप्रीमो मायावती ने 7 अप्रैल को उत्तर प्रदेश के देवबंद में चुनावी सभा के दौरान मुस्लिम समुदाय के लोगों से कहा था कि मुस्लिम समुदाय के लोग अपना वोट बंटने ना दें और सिर्फ महागठबंधन के लिए वोट दें। मायावती का ये बयान धर्म के नाम पर वोट मांगना भी अचार संहिता का उल्लंघन है। चुनाव आयोग ने दोनों नेताओं के इन बयानों पर संज्ञान लेते हुए पहले नोटिस जारी किया था और अब इनके प्रचार करने पर रोक लगाई है।

 

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