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देहरादून: उत्तराखंड के युवा सेना में ही नहीं बल्कि तमाम दूसरे क्षेत्रों में भी अपनी प्रतिभा के दम पर तेजी से आगे आ रहे हैं। पिछले कुछ समय से खेल के क्षेत्र में उत्तराखंड के बच्चों को अपनी प्रतिभा के बल पर आगे आने के अवसर मिल रहे हैं। ऐसा ही एक नवयुवक बास्केटबॉल के क्षेत्र में है तेजी से आगे बढ़ा है। लैंसडाउन के आर्मी पब्लिक स्कूल के हेड ब्वॉय रह चुके हैं राहुल बिष्ट ने अखिल भारतीय स्तर पर आयोजित बास्केटबॉल रेफरी की पैनल बी के एग्जाम में दूसरा स्थान पाया है। बास्केटबॉल फेडरेशन की ओर से राहुल को यंगेस्ट आफीशियल का दर्जा दिया है। बास्केटबॉल के नेशनल खिलाड़ी रह चुके राहुल भविष्य में इंटरनेशनल बास्केटबॉल एसोसिएशन के ऑफिशियल के रूप में अपना कैरियर बनाना चाहता है।

बास्केट बॉल फेडरेशन ऑफ इंडिया की ओर से पिछले वर्ष 7 मई से 14 मई तक आयोजित परीक्षा में देशभर से कुल 38 बच्चे रेफरी के लिए पास हुए हैं। पहला स्थान कर्नाटक के मोहन कुमार को मिला है जबकि उत्तराखंड के राहुल बिष्ट को दूसरा स्थान मिला है। तीसरे स्थान पर कर्नाटक के महेश कुमार रहे। इस परीक्षा में देशभर के डेढ़ सौ से अधिक बच्चों ने प्रतिभाग किया था।

राहुल बिष्ट मूल रूप से जनपद चमोली के सुदूर ग्राम घेस के निवासी है और उनके पिता लक्ष्मण सिंह बिष्ट गढ़वाल राइफल की 12 वीं बटालियन में सूबेदार के पद पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। राहुल की शिक्षा लैंसडाउन के आर्मी पब्लिक स्कूल से हुई है। राहुल का प्रिय खेल बास्केटबॉल है। राहुल बास्केटबॉल के सबसे कम उम्र के ऑफिशियल के रूप में चुने गए हैं। वह वर्तमान में उत्तराखंड बास्केट बॉल फेडरेशन के टेक्निकल कमेटी में ऑफिशियल के रूप में काम कर रहे हैं। इससे पहले राहुल ने जिला स्तर पर ऑफिशियल के रूप में काम किया और उसके बाद पिछले राज्य स्तर पर ऑफिशियल ग्रुप में काम कर रहे हैं। बास्केटबॉल में उनके ऑफिस सेटिंग को देखते हुए, स्टेट सेक्रेटरी मनजीत ग्रेवाल में उन्हें नेशनल के पैनल भी एग्जामिनेशन के लिए भेजा।

राहुल ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए पूरे देश में दूसरा स्थान प्राप्त किया। राहुल बिष्ट भारतीय सेना में अपनी सेवाएं देना चाहते हैं, और वह सेना में रहकर बास्केटबॉल को और बढ़ावा देना चाहते हैं। राहुल बास्केटबॉल का नेशनल खिलाड़ी भी रह चुका है और फुटबॉल का भी अच्छा खिलाड़ी है इसके अलावा शूटिंग में राज्य स्तर पर भी वह प्रतिभाग कर चुका है। राहुल वर्तमान में देहरादून के कई स्कूलों में बास्केटबॉल का प्रशिक्षण दे रहे हैं।

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