My-pride-is-tricolor,-my-honour

उत्तराखंड मूल के प्रवासी समाजसेवी उदय ममगाई राठी की देशभक्ति पर आधारित खुबसूरत कविता..

मेरी जान तिरंगा है………………..
मेरी शान तिरंगा है, मेरा मान तिरंगा है.
बलिदान शहीदों का, अभिमान तिरंगा है.
जो वीर खड़े सीमा पर, उनकी जान तिरंगा है.
दुश्मन से भारत मां की रखवाली, स्वाभिमान तिरंगा है.
मेरी शान तिरंगा है…………
हम रहते हैं जहां सुख से, वहां वीर शहीद होते हैं.
कई माँ बहनें देश के खातिर, बेटे-सुहाग खोते हैं.
करते हैं नमन उन सबको, जिनका बलिदान तिरंगा है.
मेरी शान तिरंगा है…………….
वहां बर्फ की चादर ओढ़े, वीर जवान खड़े हैं.
यहां नेता और अभिनेता कुर्सी के लिए लड़े हैं.
झुकते हैं जो गद्दार नेताओं के आगे, ये अपमान तिरंगा है.
मेरी शान तिरंगा है……..
कुछ देशद्रोही हैं, जो अपमान कराते हैं,
भारत माता की जय, वो कभी नहीं गाते हैं.
उनके लिए ये झंडा, बेजान तिरंगा है.
मेरी शान तिरंगा है……
ये तीन रंग क्या हैं, सीखो इनसे कुछ सीख.
त्याग, सुख और शांति, समृद्धि के हैं प्रतीक.
ये भारत विश्व विधाता है, राष्ट्रगान तिरंगा है.
मेरी शान तिरंगा है……..
भगत सिंह, सुखदेव और बिस्मिल, यहां राजगुरु महान.
अशफाक, आजाद और मंगल पांडे, हो गए थे कुर्बान.
लक्ष्मी बाई की वीर गाथा का, गुणगान तिरंगा है.
मेरी शान तिरंगा है…….
जन्म लिया इस भू पर, कुछ फर्ज हमारा है.
ऊंचा रहे यह तरंगा, बस यही एक नारा है.
हम भारतवासी हैं, यह पहचान तिरंगा है.
मेरी शान तिरंगा है, मेरा मान तिरंगा है,
बलिदान शहीदों का, अभिमान तिरंगा है.
वंदे मातरम, भारत माता की जय.
उदय ममगाई राठी