chandrayaan-2

नयी दिल्ली : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के वैज्ञानिकों ने आज अंतरिक्ष में एक और इतिहास रच दिया है। ISRO के वैज्ञानिकों ने आज दोपहर 2 बजकर 43 मिनट पर श्रीहरिकोटा से चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण कर दिया है। चंद्रयान-2 को देश के सबसे ताकतवर बाहुबली रॉकेट GSLV-MK3 से लॉन्च किया गया। चंद्रयान-2 श्री हरिकोटा के प्रक्षेपण स्थल से चांद तक के 3 लाख 84 हजार किलोमीटर के सफर पर निकल चुका है। चंद्रयान सिर्फ 16 मिनट बाद पृथ्वी की कक्षा में स्थापित हो गया।  52 दिनों की यात्रा के बाद 7 सिंतबर को चंद्रयान-2, चांद की सतह पर उतरेगा। इस मिशन पर कुल 250 वैज्ञानिक लगातार नजर बनाए रखेंगे।  इसरो की इस शानदार कामयाबी पर पीएम नरेंद्र मोदी ने बधाई दी है।

चंद्रयान-2 मिशन की सफल लॉन्चिंग पर इसरो के चेयरमैन के. सिवन टीम को बधाई देते हुए भावुक हो उठे। उन्होंने चंद्रयान के सफल प्रक्षेपण को विज्ञान और भारत के लिए ऐतिहासिक दिन करार दिया। लॉन्चिंग की सफलता से गदगद इसरो चीफ ने रूंधे गले से सभी टीमों की प्रशंसा की और कहा कि आपने जिस तरह अपना घर-बार छोड़कर इस मिशन के लिए रात-दिन एक कर दिया उसके लिए मैं आपको दिल से सलाम करता हूं।

इससे पहले 15 जुलाई को तड़के दो बजकर 51 मिनट पर इसे लांच किया जाना था लेकिन प्रक्षेपण यान में गड़बड़ी के कारण प्रक्षेपण से एक घंटे पहले उसे टालने का फैसला किया गया था। जिसके बाद आज इसे 2.43 बजे लॉन्च किया गया. यह दुनिया का पहला मिशन है जिसमें लैंडर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरेगा। इस मिशन के मुख्य उद्देश्यों में चंद्रमा पर पानी की मात्रा का अनुमान लगाना, उसके जमीन, उसमें मौजूद खनिजों एवं रसायनों तथा उनके वितरण का अध्ययन करना और चंद्रमा के बाहरी वातावरण की ताप-भौतिकी गुणों का विश्लेषण है।