Solar-Eclipse-2019

Solar Eclipse 2019 :  इस साल का तीसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण भारतीय समय अनुसार आज यानी 26 दिसंबर सुबह 8:04 बजे से शुरू हो गया है। इस सूर्य ग्रहण को वैज्ञानिकों ने ‘रिंग ऑफ फायर’ का नाम दिया है। सूर्य ग्रहण सुबह 9.24 से चंद्रमा सूर्य के किनारे को ढकना शुरू करेगा। पूर्व सूर्य ग्रहण सुबह 9.26 पर दिखाई देगा। वहीं, 11.05 तक यह सूर्य ग्रहण खत्म हो जाएगा। इस ग्रहण की अवधि तीन घंटे बारह मिनट होगी। सूर्य ग्रहण को देश के दक्षिणी भाग में कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु के हिस्सों देखा जा सकेगा जबकि देश के अन्य हिस्सों में यह आंशिक सूर्य ग्रहण के रूप में दिखाई देगा। इंदौर में 8.09 पर, पटना में 8.25 पर, जयपुर में 8.13 पर, कोलकाता में 8.17 पर, लखनऊ में 8.20 पर और नई दिल्ली में 8. 17 पर सूर्य ग्रहण शुरू होगा। यह ग्रहण धनु राशि और मूल नक्षत्र में होगा। सूर्य के साथ केतु, बृहस्पति और चंद्रमा आदि ग्रह होने से ज्योतिष में इस कल्याणकारी योग का विशेष लाभ मिलेगा। इस बार चंद्रमा की छाया सूर्य का पूरा भाग नहीं ढक पाएगी। इस ग्रहण में सूर्य का बाहरी हिस्सा प्रकाशित रहेगा। इसीलिए इस सूर्य ग्रहण को वैज्ञानिकों ने ‘रिंग ऑफ फायर’ का नाम दिया है। इससे पहले इस साल 6 जनवरी और 2 जुलाई को आंशिक सूर्यग्रहण लगा था। यह सूर्य ग्रहण जितना सुंदर होगा, उतना ही खतरनाक भी होगा, इसलिए सूर्य ग्रहण के दौरान नंगी आंखों से सूर्य ग्रहण की तरफ न देखें। यही नहीं इसको देखने के समय विशेष सावधानी बरतें।

पौराणिक मान्यता

मुख्यमंत्री द्वारा ज्योतिष वैज्ञानिक की उपाधि से सम्मानित आचार्य घिल्डियाल बताते हैं कि पौराणिक कथा के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान जब देवों और दानवों के बीच अमृत पान के लिए विवाद हुआ था. जिसको सुलझाने के लिए मोहिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण किया. जब भगवान ने देवताओं और असुरों को अलग-अलग बैठा दिया लेकिन राहु नाम का एक असुर छल से देवताओं की लाइन में आकर बैठ गया और उसने भी अमृत पान कर लिया. देवों की लाइन में बैठे हुए सूर्य और चंद्रमा ने राहु को ऐसा करते हुए देख लिया. इस बात की जानकारी उन्होंने भगवान विष्णु को दी. जिसके बाद भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से राहु का सर धड़ से अलग कर दिया लेकिन राहू अमृत पान कर चुका था. इसलिए उसकी मृत्यु नहीं हुई और उसके सिर वाला भाग राहु तथा धड़ वाला भाग केतु के नाम से जाना गया. इसी कारण राहु और केतु सूर्य और चंद्रमा को अपना शत्रु मानते हैं जिस वजह से यह ग्रहण लगता है.

ज्योतिष में अंतरराष्ट्रीय हस्ताक्षर माने जाने वाले डॉक्टर घिल्डियाल का दावा है कि उन्होंने 16 जुलाई को हुए खग्रास चंद्रग्रहण पर देश के राजनेताओं के लिए भविष्यवाणी की थी अशोक के समाचार मिलेंगे और उसके बाद लगातार सुषमा स्वराज अरुण जेटली सहित कई बड़े नेताओं से देश को हाथ धोना पड़ा इस बार भी यह सूर्य ग्रहण धनु राशि पर लग रहा है तथा उस दिन शत ग्रह योग भी बन रहा है जो देश में आंतरिक युद्ध की असंतोष अशांति सीमा पर तनाव सहित सत्ता को उद्वेलित करने वाला योग है इसलिए शासकों को बहुत सावधानी बरतने की आवश्यकता है सेना के उच्च अधिकारियों को स्वास्थ्य पर ध्यान देना होगा सामाजिक संस्थाओं को चाहिए कि जगह-जगह राष्ट्र की रक्षा के लिए धर्म और यज्ञ का आयोजन करें डॉक्टर घिल्डियाल ने बताया कि अभी वह राशि अनुसार विस्तृत गणित कर शीघ्र रहस्योद्घाटन करेंगे कि किस राशि के लिए यह छठ ग्रह योग का ग्रहण शुभ रहेगा और किसके लिए अशुभ रहेगा तथा इसके उपाय भी बताएंगे.