noida international airport

ग्रेटर नोएडा : स्विटजरलैंड की कंपनी ज्यूरिक एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी को जेवर में नोएडा इंटरनेशनल ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट बनाने का ठेका मिल गया है। ज्यूरिख एयरपोर्ट ने बोली में अडानी, DIAL और एनकोरेज को पछाड़कर जेवर एयरपोर्ट बनाने का ठेका हासिल किया है। शुक्रवार को फाइनेंसियल बिड खुलने पर स्विटजरलैंड की कंपनी ज्यूरिक एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी ने तीन कंपनियों को पछाड़ते हुए सबसे ज्यादा प्रीमियम 440.97 रुपये प्रति यात्री दिया है। जो अभी तक देश का सबसे ज्यादा प्रति यात्री प्रीमियम का ऑफर है। ज्यूरिक एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी को अधिकतम बिड लगाने वाली कंपनी घोषित करते हुए आगे की कार्रवाई के लिए आगामी दो दिसम्बर को होने वाली प्रोजेक्ट मॉनीटरिंग एंड इम्लीमेंटेशन कंपनी (पीएमआईसी) की बैठक में रखा जाएगा। बैठक प्रदेश के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में लखनऊ में होगी। बिड के आंकलन के बाद इसे कैबिनेट से भी पास कराया जाएगा।

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (नियाल) के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि शुक्रवार को नोएडा इंटरनेशनल ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट जेवर की फायनेंसियल बिड ओपन की गयी थी। बिड खुलने के दौरान सभी कंपनियों के प्रतिनिधि मौजूद थे। फायनेंसियल बिड में चार कंपनियों ने भाग लिया था। जिसमें ज्यूरिक एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी ने 400.97 रुपये प्रति यात्री प्रीमियम (पीएएक्स) का ऑफर दिया है। दूसरे नम्बर पर अडानी इंटरप्राइजेज लिमिटेड ने 360 रुपये प्रति यात्री प्रीमियम, तीसरे नम्बर पर दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड ने 351 रुपये प्रति यात्री प्रीमियम तथा चौथे नम्बर पर एनकारेज इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेट हॉल्डिंग लिमिटेड ने 205 रुपये प्रति यात्री प्रीमियम का ऑफर दिया।

उल्लेखनीय है कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के कंसेशनायर के चयन के लिए 30 मई 2019 को ग्लोबल टेंडर जारी किया था। जिसमें बिड जमा करने की अंतिम तिथि 30 अक्टूबर 2019 थी। गत 6 नवम्बर 19 को टेक्निकल बिड खोली गयी। जिसमें चार कंपनियों ज्यूरिक एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी, अडानी इंटरप्राइजेज लिमिटेड, दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड व एनकारेज इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेट हॉल्डिंग लिमिटेड ने भाग लिया था। चारों कंपनियों को टेक्निकल बिड में क्वालीफाई कर दिया गया था। एयरपोर्ट का पूरा प्रोजेक्ट करीब 30 हजार करोड़ रुपये का है। प्रथम चरण में 1334 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहीत की गयी है। प्रथम चरण की लागत करीब 4588 करोड़ रुपये आंकी गयी है।