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ग्रेटर नोएडा: इंडिया एक्सपो मार्ट एंड सेंटर ग्रेटर नोएडा में बुधवार को इंडिया फार्मा वीक के तहत तीन दिवसीय फार्मा एक्सपो का आगाज हुआ। दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा फार्मा एक्सपो पहली बार ग्रेटर नोएडा में हो रहा है, मेले में 42 देशों की 1600 से अधिक कंपनियां हिस्सा ले रही हैं। यूबीएम इंडिया द्वारा आयोजित सीपीएचआई एवं पी-मैक इंडिया एक्सपो दक्षिणी एशिया के सबसे बड़े फार्मा कार्यक्रमों में से एक है। जिसमें ज्यादातर दवा कम्पनियां हिस्सा ले रही हैं। बता दें ग्रेटर नोएडा स्थित इंडिया एक्सपो मार्ट एंड सेंटर, राष्ट्रीय व अन्तरराष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रमों के आयोजन का प्रमुख स्थल बनता जा रहा है।

तीन दिवसीय फार्मा एक्सपो इसके साथ ही फ्लैगशिप एक्सपो सीपीएचएल और पी-एमईसी के 12वें संस्करण का भी आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम में दवाओं की नई टेक्नोलॉजी पर बात होगी। प्रदर्शनी के आयोजक यूबीएम इंडिया के प्रबंध निदेशक योगेश मुद्रास ने बताया कि इंडिया फार्मा वीक प्रदर्शनी दुनिया में एक बेजोड़ ऑफर है, जिसके तहत यहां सीपीएचआई और पी-एमईसी इंडिया, यूबीएम के फ्लैगशिप कार्यक्रम और दिल्ली-एनसीआर में विश्व के प्रमुख नेटवर्किग एजेंट विश्व स्तर के आयोजन स्थल पर एक साथ एकत्रित हुए हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली एनसीआर में इस प्रदर्शनी के शिफ्ट होने से केंद्र सरकार, नीति निर्माता, वाणिज्य दूतावास और सरकारी निकाय समुदाय के निर्माण के हमारे प्रयास को बढ़ाएंगे।

मुद्रास ने बताया कि अगले दशक में मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर पर 200 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक का अनुमानित खर्च आने के साथ भारत की दिलचस्पी देश के सभी भागों में सस्ती दवाएं मुहैया कराने के साथ दवाइयों के निर्माण में ग्लोबल लीडर बनाने की समान रूप से जरूरत है। फार्मा विजन 2020 को काफी सराहा गया है और इसे लागू करने की जरूरत और अनुसंधान एवं विकास के संबंध में जागरूकता फैलाने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि फार्मा संस्थानों ने बिक्री से प्राप्त धनराशि की करीब नौ प्रतिशत राशि को शोध एवं विकास में दोबारा निवेश कर दिया है। इससे देश में नई- नई दवाइयों का अविष्कार होगा। प्रतिष्ठित सीपीएचआई ग्लोबल फार्मा इन्डेक्स ने भारत को फार्मा बाजार में पहले स्थान पर रखा है, भारत इस प्रतिस्पर्धा में शीर्ष पायदान के 3 देशों की सूची में शामिल हो गया है।

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